(जून के पहले)
पच्चीस के नन्हे सिक्कों ले हम पेंसिल खरीदने जो आये
दुकानदार बोला बेटा कितने दिन से गंगा नहीं नहाए!
(जून के बाद)
सवा रुपल्ली का परसाद लेकर मंदिर पहुंचे
प्रभुजी बोले, बेटा उल्लू बनाने को हम ही नज़र आये?
भगवन तुम ही करो तनिक उपाय
पचीस पैसे में देखो कम्पट भी न आये!
पंडित बोला यूं मिलता नहीं उपाय
सवा के आगे सौ लगाओ तो मज़ा आये
– कायल
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